
महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) ने पटना में अपना घोषणापत्र लॉन्च किया और नाम रखा — ‘तेजस्वी प्रण’।
कवर पर तेजस्वी यादव की तस्वीर, मंच पर पवन खेड़ा, दीपांकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी — और सामने बिहार के वोटरों की उम्मीदों का पहाड़।
नेताओं ने कहा, “यह घोषणापत्र नहीं, संकल्प है — बेरोजगारी मिटाने का, और विपक्ष को जलाने का।”
घोषणापत्र के वादों को देखकर लगता है जैसे इस बार बिहार में न रोजगार की कमी होगी, न बिजली का बिल — बस वोट चाहिए और सपना पूरा!
हर परिवार को एक सरकारी नौकरी — “वादा बिहार का, मंज़िल सरकारी दफ्तर की”
तेजस्वी यादव ने ऐलान किया कि सरकार बनने के 20 दिन में हर परिवार को एक सरकारी नौकरी का कानून बनेगा। 20 महीने में नौकरी की प्रक्रिया शुरू — यानी टाइमलाइन भी फुल ऑन पॉलिटिकल प्रिसिशन पर!
बिहार के युवा अब रिज्यूमे नहीं, रिजल्ट डेट गिनेंगे। सरकारी नौकरी अब “हर घर तिरंगा” जैसी मुहिम बन सकती है — बस इस बार “हर घर अफसर” का नया सपना।
महिलाओं के लिए ‘MAI’ और ‘BETI’ — “हर महीने सशक्तिकरण की किस्त”
महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह सहायता देने का वादा — यानी ‘MAI’ योजना माताओं के लिए और ‘BETI’ बेटियों के लिए।
अगर ये योजना चली, तो बिहार की महिलाएँ भी अब ‘इंडिपेंडेंट कार्ड होल्डर’ कहलाएंगी।
मुफ्त बिजली और OPS की वापसी — “करंट भी फ्री, पेंशन भी री”
हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली — और पुरानी पेंशन योजना की वापसी। लगता है इस बार घोषणापत्र पावर बैंक और टाइम मशीन दोनों लेकर आया है।
शिक्षा, रोजगार और कॉलेज — “हर ब्लॉक में डिग्री, हर गली में ड्रीम”
हर अनुमंडल में महिला कॉलेज और 136 प्रखंडों में नए डिग्री कॉलेज का वादा। स्टूडेंट्स को फॉर्म फीस से मुक्ति और एग्ज़ाम सेंटर तक मुफ्त यात्रा सुविधा।

किसानों के लिए MSP गारंटी — “धान-गेहूं नहीं, अब भरोसा बिकेगा”
हर फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी। मंडियों को फिर से ज़िंदा करने का वादा — शायद ‘जॉम्बी मंडी’ युग की शुरुआत!
हेल्थ इंश्योरेंस और पेंशन — “बीमार भी निश्चिंत, बुजुर्ग भी इंटरेस्टेड”
हर नागरिक को ₹25 लाख तक का मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस, वृद्धों को ₹1,500–₹3,000 पेंशन। अगर लागू हुआ तो बिहार में सबसे लंबी कतारें अस्पतालों में नहीं, सरकारी फॉर्म काउंटर पर दिखेंगी।
भ्रष्टाचार पर Zero Tolerance — “नाम बड़ा, काम धीरे-धीरे”
महागठबंधन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की बात की — सवाल बस इतना कि Zero किसके लिए है — जनता के लिए या जाँच एजेंसी के लिए?
वादे बड़े हैं, हकीकत की राह लंबी
घोषणापत्र में बिहार का भविष्य लिखा है — लेकिन हकीकत की स्याही अभी सूखी नहीं। तेजस्वी यादव ने साफ कहा — “हम बिहार बदलेंगे।”
अब देखना है कि ये बदलाव फाइलों में होता है या फाइनल रिजल्ट में।
